जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है

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 जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं ।



हमला कैसे हुआ?

यह हमला दोपहर के समय बैसरन घाटी के पास हुआ, जब पर्यटक घुड़सवारी और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे। आतंकियों ने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। हमले में शामिल आतंकियों की संख्या 2 से 3 बताई जा रही है ।

पीड़ितों की पहचान


हमले में मारे गए लोगों में विभिन्न राज्यों के नागरिक शामिल हैं: महाराष्ट्र के 5, कर्नाटक के 4, गुजरात के 3, पश्चिम बंगाल के 2, और हरियाणा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, केरल के 1-1 नागरिक। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के एक स्थानीय व्यक्ति और नेपाल के एक नागरिक की भी मौत हुई है ।

जिम्मेदारी और कारण


इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) ने ली है। उन्होंने दावा किया कि यह हमला कश्मीर में बाहरी लोगों की बसावट के विरोध में किया गया है, जिसे वे जनसंख्या संतुलन के लिए खतरा मानते हैं ।

सरकार और राजनीतिक प्रतिक्रिया


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों को सजा दिलाने का संकल्प लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है । विपक्षी नेताओं ने भी इस हमले की निंदा की है और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।


सुरक्षा और राहत उपाय


हमले के बाद, श्रीनगर और जम्मू के बीच यातायात को सुचारु बनाने के लिए एनएच-44 को एक दिशा में खोल दिया गया है। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था कर रहे हैं ।


निष्कर्ष


यह हमला जम्मू-कश्मीर में 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद का सबसे बड़ा आतंकी हमला है, जिसने क्षेत्र में शांति और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार को चाहिए कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।


इस हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है, और इससे निपटने के लिए एकजुट होकर कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।


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