बच्चों की कहानियां baccho ki kahani
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1. शेर और चूहा
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बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक बड़ा और शक्तिशाली शेर रहता था। वह हर जानवर से डरावना था। एक दिन शेर गहरी नींद में सो रहा था। तभी एक नन्हा चूहा खेलते-खेलते उसके पास आ गया और गलती से उसके ऊपर चढ़ गया। शेर जाग गया और उसने गुस्से में चूहे को पकड़ लिया।
चूहे ने डरते हुए कहा, "मुझे माफ कर दीजिए महाराज। अगर आप मुझे जाने देंगे, तो मैं एक दिन आपकी मदद करूंगा।"
शेर ने हंसते हुए कहा, "तुम जैसे छोटे चूहे मेरी मदद कैसे करोगे?" लेकिन उसने उसे जाने दिया। कुछ दिनों बाद, शेर शिकारी के जाल में फंस गया। उसकी गरज पूरे जंगल में गूंज रही थी।
चूहे ने उसकी आवाज सुनी और दौड़कर वहां पहुंचा। उसने अपने नुकीले दांतों से जाल को काट दिया और शेर को आज़ाद कर दिया। शेर ने चूहे का धन्यवाद किया और कहा, "मैंने सोचा नहीं था कि तुम मेरी मदद करोगे।"
शिक्षा: हमें किसी को छोटा या कमज़ोर नहीं समझना चाहिए। हर किसी की अपनी उपयोगिता होती है।
2. ईमानदारी का इनाम baccho ki kahani
रामू एक गरीब लेकिन ईमानदार लड़का था। वह एक दिन जंगल में लकड़ियां काट रहा था। अचानक उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई। वह बहुत परेशान हो गया क्योंकि उसके पास दूसरी कुल्हाड़ी खरीदने के पैसे नहीं थे।
तभी नदी से जलदेवी प्रकट हुईं और रामू से पूछा, "तुम क्यों रो रहे हो?"
रामू ने उन्हें पूरी बात बताई। जलदेवी ने नदी में गोता लगाकर सोने की कुल्हाड़ी निकाली और पूछा, "क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?"
रामू ने कहा, "नहीं, यह मेरी नहीं है।" फिर देवी ने चांदी की कुल्हाड़ी निकाली। रामू ने फिर मना कर दिया। अंत में उन्होंने लोहे की कुल्हाड़ी निकाली, जिसे देखकर रामू खुशी से चिल्लाया, "हाँ, यह मेरी कुल्हाड़ी है!"
रामू की ईमानदारी से प्रसन्न होकर देवी ने तीनों कुल्हाड़ियां उसे इनाम में दे दीं।
शिक्षा: ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है।
3. चार दोस्तों का एकता का पाठ
एक गाँव में चार अच्छे दोस्त रहते थे – मोहन, सोहन, राम और श्याम। एक दिन उन्होंने जंगल में पिकनिक का प्लान बनाया। रास्ते में उन्हें एक पुराना पेड़ मिला। पेड़ ने उन्हें बताया, "मेरे नीचे एक खजाना छिपा है। लेकिन यह खजाना तभी निकलेगा जब तुम सब एक साथ मिलकर काम करोगे।"
चारों ने सोचा कि यह आसान होगा। लेकिन जैसे ही उन्होंने खुदाई शुरू